रांची
आजसू पार्टी ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह की झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि विनय चौबे तथा गजेंद्र सिंह को ’बलि का बकरा’ बनाया गया है, ताकि शराब घोटाले के समंदर की ’बड़ी मछली’ को बचाया जा सके। आजसू पार्टी ने मांग की है कि शराब घोटाले की सीबीआई जांच करवाई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
आजसू पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत तथा झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर ने कहा है कि 2019 से 2022 के बीच अवैध शराब कारोबार और नीतिगत बदलावों के जरिए सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया था। छत्तीसगढ़ और झारखंड में एक संगठित सिंडिकेट के साथ मिलकर शराब नीति में बदलाव कर अवैध शराब कारोबार को बढ़ावा दिया गया। आजसू नेताओं ने सवाल किया है कि क्या इस घोटाले के राज्य सरकार और मुख्यमंत्री का संरक्षण हासिल नहीं था? ऐसा कैसे संभव है कि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह उत्पाद सचिव विनय चौबे ने मुख्यमंत्री और तत्कालीन मंत्री की जानकारी के बगैर ही अपने मन से नीतिगत बदलाव कर लिया?